Tuesday, August 2, 2011

ईश वंदना...........वटसावित्री व्रत के उपलक्ष्य में

हे विघ्नविनाशक ईश मेरे, मुझको एक चक्षु नवल दे दो,

सर्वप्रथम आचमन हो तेरा, निर्विघ्न हो कार्य ये वर दे दो,

हे मात शारदा नमन तुम्हे, करूँ अमिट मै भक्ति ये वर दे दो,

स्वर झंकृत हो मेरे मन का, शब्द मचल पड़े ये वर दे दो

माँ लक्ष्मी रूप अनूप तेरा, वैभव हो अपार सद्बुद्धि दे दो,

प्रणिपात करूँ मै चरण तेरे, मिले ज्ञान और मन निश्छल दे दो,

हे रूद्र,ब्रह्म, विष्णु मेरे, उत्साहपूरित तन मन दे दो,

हों सुर्यप्रभा सी समर्पित मै, इस देश पे ये निश्चय दे दो,

हे सृष्टि रचयिता ब्रह्माणी प्रिये, हे पद्म गदाधर लक्ष्मी प्रिये

हे चंद्रमौली तुम गौरी प्रिये,हे धनुर्धर राम जानकी प्रिये,

हे सरस्वती रूप तो कवि की प्रिये,हे अम्बे माँ तू भक्त प्रिये

हे मुरलीधर तुम ईष्ट मेरे, करू शीश नवाकर प्रणाम प्रिये

हे विघ्नविनाशक ...........................

सर्वप्रथम आचमन ...................................I

by-----------adarshini srivastava (adee)

2 june 2o11 meerut

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