Monday, November 28, 2011

.........ईश वंदना .........

हे विघ्न विनाशक ईश मेरे,
मुझको एक दृष्टि नवल दे दो,
सर्वप्रथम आराधन हो तेरा,
निर्विघ्न कार्य हो वर दे दो,

हे मात शारदा नमन तुम्हें,
करूँ भक्ति अमित ये वर दे दो,
स्वर झंकृत हो मेरे मन का,
शब्द मचल पड़े ये वर दे दो,

माँ लक्ष्मी रूप अनूप तेरा,
वैभव हो अपार सुमति दे दो,
प्रणिपात करूँ मै चरण तेरे,
मन निश्छल, ज्ञान मुझे दे दो,

हे रूद्र,ब्रह्म,विष्णु मेरे,
उत्साह पूर्ण तन-मन दे दो,
आशीष सदैव रहा तेरा,
इस योग्य रहूँ ये वर दे दो,

हे सृष्टि रचयिता ब्रह्मणिप्रिय,
हे चक्र गदाधर लक्ष्मीप्रिय,
हे चन्द्रमौलिशिव गौरिप्रिये,
हे धनुधर राम जानकीप्रिय.
हे मुरलीधर तुम राधेप्रिय,
हे अम्बे माँ तू भक्ति प्रिय,
हे सरस्वती माँ तुम इष्ट मेरी,
करती हूँ प्रणाम सब ईश कि जय,