Wednesday, August 31, 2016

हंगामा है क्यों बरपा थोड़ी सी जो पी ली है

वैसे कुछ रोज़ पहले संदीप कुमार ने रोज़ अपनी पत्नी के पैर छूने की बात कही थी l किन्तु ये जरुरी नहीं कि उन्होंने असत्य ही कहा हो क्योंकि उन्होंने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा था कि वो झुक कर अपने हाथों से अपनी पत्नी का पैर छूते हैं l वो खड़े-खड़े लात से लात भी मार सकते हैं l दुनियाँ में अबतक तो कोई भी महापुरुष ऐसा नहीं दिखा जिसका दंभ इतना कमजोर हो की वो पत्नी का पैर छू ले l हाँ पर संदीप कुमार जैसे लोगों को समाज के सामने अपने परिवारजनों के लिए समर्पण भाव दिखा चाटुकारिता कर पत्नी बच्चों की विश्वास में लेना ही पड़ेगा l वरना वे विश्वासघात कैसे कर पाएंगे? बाहर बच्चों और पत्नी से इतनी आसानी से गुल खिलने का मौका कैसे मिलेगा ?

दुःख है उस घर के सदस्यों पत्नी बच्चों के लिए जिसने अपने आत्मीय की कथा टीवी अखबारों में इस तरह देखी, पढ़ी और सुनी l एक पत्नी से अगर अब ये उम्मीद की जाए की वो पहले की तरह शांत भाव से अपने पत्नी धर्म का पालन करे तो ये उसके प्रति ज्यादती ही होगी l संदीप कुमार के बच्चों की मनःस्थिति सोच अफ़सोस होता है क्या सम्मान दे पायेंगे अपने पिता को ? या पिता का ऐसा घृणित आदर्श देख उनके व्यक्तित्व किस तरह से प्रभावित होगे ? वे भविष्य में सही रास्ता चुनेगें या गलत ? स्कूल, ऑफिस, समाज में किस तरह किसी की आँखों का सामना कर पायेंगे ?

'आप' के समर्थक इस बात से अवश्य फ़क्र महसूस कर रहे होंगे कि आधे घंटे के अन्दर ही केजरीवाल ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मंत्री संदीप कुमार को पद से निलंबित कर दिया l इससे पहले भी जितेन्द्र तोमर को फ़र्ज़ी डिग्री के मामले में और आसिम अहमद खान को पैसे के लेन-देन के मामले में केजरीवाल पदच्युत कर चुके हैं l मगर क्या मात्र पद से हटा देना ही एक मात्र विकल्प है या दण्ड है ? पहले के दो लोग जो पद से हटाये गए उनपर क्या कार्यवाही हुई ? अगर ऐसे महत्वपूर्ण पद पर रहने वाले लोगो को उचित दण्ड नहीं दिया गया तो बात जबतक ताज़ी है दोषी चुपचाप बैठे रहेंगे फिर कोई नई पार्टी ज्वाइन कर पहले की तरह ही दुष्कर्म में लिप्त रह अलगी पीढ़ी को मानसिक नुक्सान और देश को असम्मानित करते रहेंगे l
......आदर्शिनी श्रीवास्तव ....