प्यार की कश्ती
अनजानी इस ख़ुशी में हम दोनों खो चुके है,
खुद को लुटाकर तुमपर तुमको है मैंने पाया,
प्यार की कश्ती पर, हम दोनों ही चढ़ चुके है
मान जाओ बात मेरी जाने की जिद भी छोडो,
मोहब्बत की हद से देखो हम तुम गुजार चुके है,
प्यार के नर्म ज़ज्बात अब भी बने हुए है,
दम तोड़े साथ मिलकर, जब मिलकर मिट चुके है,
27 may 2011
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