Thursday, November 10, 2011

मिलने का अगर कुछ इरादा लगे,

तेरा मन जब तुझसे खफा सा लगे,
टूटा-टूटा सा कुछ बेवफा सा लगे,
मेरी याद सनम तुम कर लेना,
मिलने का अगर कुछ इरादा लगे,

कभी नेह बदरी में भीगा था तन-मन,
अधर-पंखुडी मुस्कुराई थी तुम संग,
अब तेरे बिना बेसहारा लगे,
चले हो किधर कुछ बुरा सा लगे,
मेरी याद सनम तुम कर लेना मिलने का ...........................

कर भरोसा तुम्हारी रहूंगी सदा,
भूलो तुम मुझे मैं न भूलू ज़रा,
रुंधा सा गला जब तुम्हारा लगे,
विकल सा हृदय जब तुम्हारा लगे,
मेरी याद सनम तुम कर लेना मिलने का ...........................

कोने कोने में अंकित है नाम तेरा,
छिपकर रखा दिल में प्यार तेरा,
परेशां अगर मन ज़रा सा लगे,
पलकों पे अगर भीगा भीगा लगे,
मेरी याद सनम तुम कर लेना मिलने का ...........................

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