दिल जो न कह सका
Sunday, December 11, 2011
नव वर्ष बधाई -----२०१२
खटमिट्ठी यादों कि ओढ़ चदरिया,
गतवर्ष कहे मै चला बजरिया,
घर-घर बन्दनवार सजाओ,
नववर्ष लगे मानो नई दुल्हनिया,
आँगन-आँगन में साज सजाओ,
साल भर बजती रहे ढूलकिया,
गीत हर्ष के गूँजे घर-घर
छमछम नाचे नर नागरिया
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