रूह मैं हूँ जिस्म है वो है सच्चाई दोस्तो
मैंने अपने जिस्म से ही चोट खाई दोस्तो
सच कहूँ उससे अलग मैंने कभी सोचा नहीं
कर रहा है फिर भी मुझसे बेवफ़ाई दोस्तो
मैं हूँ नदिया तू समंदर मैं हूँ झरना प्यास तू
प्यास सागर से किसी ने है बुझाई दोस्तो
दिल उसे मैंने दिया पर जान ही वो ले गया
खूब क्या उसने वफ़ा मुझसे निभाई दोस्तो
आज सारा दर्द घुलकर है नुमाया हो रहा
चाँदनी की रात है औ' है तन्हाई दोस्तो
जीत का अपनी ख़ुशी से ताज उसके सर रखा
बात उससे ये अभी तक है छुपाई दोस्तो
जो नसीहत माँ ने दी थी शर्म की तहज़ीब की
दिल जिगर से वो नसीहत है निभाई दोस्तो
मैंने अपने जिस्म से ही चोट खाई दोस्तो
सच कहूँ उससे अलग मैंने कभी सोचा नहीं
कर रहा है फिर भी मुझसे बेवफ़ाई दोस्तो
मैं हूँ नदिया तू समंदर मैं हूँ झरना प्यास तू
प्यास सागर से किसी ने है बुझाई दोस्तो
दिल उसे मैंने दिया पर जान ही वो ले गया
खूब क्या उसने वफ़ा मुझसे निभाई दोस्तो
आज सारा दर्द घुलकर है नुमाया हो रहा
चाँदनी की रात है औ' है तन्हाई दोस्तो
जीत का अपनी ख़ुशी से ताज उसके सर रखा
बात उससे ये अभी तक है छुपाई दोस्तो
जो नसीहत माँ ने दी थी शर्म की तहज़ीब की
दिल जिगर से वो नसीहत है निभाई दोस्तो
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